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Vicharon Ke Gyaraha Adhyaya

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विचारों के ग्यारह अध्याय' झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष श्री रबींद्रनाथ महतो द्वारा लिखित पुस्तक है, जिसमें उन्होंने राज्य गठन आंदोलन के दौरान और अपने लंबे राजनीतिक अनुभव से स्वयं में उपजे विचारों की प्रस्तुति की है। अलग-अलग विषयों पर लिखे गए ग्यारह अध्याय राज्य निर्माण के दर्शन, वर्तमान दशा तथा भविष्य की दिशा के विषय में तथ्यपरक एवं विचारोत्तेजक जानकारी प्रस्तुत करते हैं । संथाल, हूल से गांधीवाद तक, संसदीय परंपराओं से कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका के पारस्परिक संबंधों तक लेखक ने जहाँ एक ओर अलग-अलग सैद्धांतिक पहलुओं को छूने का प्रयास किया है, वहीं कृषि, शिक्षा, खेल और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए हैं । पुस्तक के अंतिम भाग में अध्यक्ष के रूप में उनके द्वारा विधानसभा में दिए गए कुछ प्रमुख भाषण संकलित हैं।

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  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789394534018
  • Indbinding:
  • Hardback
  • Sideantal:
  • 138
  • Udgivet:
  • 4. august 2022
  • Størrelse:
  • 140x11x216 mm.
  • Vægt:
  • 327 g.
  • 2-3 uger.
  • 22. januar 2025
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Beskrivelse af Vicharon Ke Gyaraha Adhyaya

विचारों के ग्यारह अध्याय' झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष श्री रबींद्रनाथ महतो द्वारा लिखित पुस्तक है, जिसमें उन्होंने राज्य गठन आंदोलन के दौरान और अपने लंबे राजनीतिक अनुभव से स्वयं में उपजे विचारों की प्रस्तुति की है। अलग-अलग विषयों पर लिखे गए ग्यारह अध्याय राज्य निर्माण के दर्शन, वर्तमान दशा तथा भविष्य की दिशा के विषय में तथ्यपरक एवं विचारोत्तेजक जानकारी प्रस्तुत करते हैं । संथाल, हूल से गांधीवाद तक, संसदीय परंपराओं से कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका के पारस्परिक संबंधों तक लेखक ने जहाँ एक ओर अलग-अलग सैद्धांतिक पहलुओं को छूने का प्रयास किया है, वहीं कृषि, शिक्षा, खेल और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए हैं । पुस्तक के अंतिम भाग में अध्यक्ष के रूप में उनके द्वारा विधानसभा में दिए गए कुछ प्रमुख भाषण संकलित हैं।

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