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Mera Rang De Basanti Chola

Bag om Mera Rang De Basanti Chola

क्रांतिवीर भगत सिंह का नाम सुनते ही माँ भारती के एक ऐसे वीर सपूत की तसवीर सामने आ जाती है, जो मात्र 23 वर्ष की अल्पायु में ही अपनी मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए फाँसी के फंदे पर झूल गए। हुतात्मा भगत सिंह ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद की जड़ें हिला दी थीं। उनकी दृढ़ता, देशभक्ति, आत्मार्पण, संकल्पशीलता अनुकरणीय और अद्भुत थी। वे सदा हम भारतीयों को प्रेरित करते रहेंगे। उनका बलिदान, उनके विचार, उनकी ऊर्जा हमारे मन-मस्तिष्क को सदा भारतवर्ष के लिए समर्पित रहने के लिए बल देती रहेगी। भगत सिंह बहुपठित और अध्ययनशील क्रांतिकारी थे। उनकी दूरदर्शिता और तेजस्विता का ही परिणाम था कि लाखों युवा भारत को अंग्रेजों की दासता से मुक्त करवाने के लिए स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े। शहीद भगत सिंह के जीवन पर अत्यंत प्रामाणिक एवं पठनीय पुस्तक, जो उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर फाँसी के फंदे को चूमने तक के संघर्षशील और त्यागमय जीवन की झलक दिखाती है। इसे पढ़कर हर पाठक के मन में भाव उठेंगे-- 'मेरा रंग दे बसंती चोला '।

Vis mere
  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789355620439
  • Indbinding:
  • Hardback
  • Sideantal:
  • 296
  • Udgivet:
  • 9. april 2022
  • Størrelse:
  • 140x21x216 mm.
  • Vægt:
  • 522 g.
  • 2-3 uger.
  • 16. december 2024
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Beskrivelse af Mera Rang De Basanti Chola

क्रांतिवीर भगत सिंह का नाम सुनते ही माँ भारती के एक ऐसे वीर सपूत की तसवीर सामने आ जाती है, जो मात्र 23 वर्ष की अल्पायु में ही अपनी मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए फाँसी के फंदे पर झूल गए। हुतात्मा भगत सिंह ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद की जड़ें हिला दी थीं। उनकी दृढ़ता, देशभक्ति, आत्मार्पण, संकल्पशीलता अनुकरणीय और अद्भुत थी। वे सदा हम भारतीयों को प्रेरित करते रहेंगे। उनका बलिदान, उनके विचार, उनकी ऊर्जा हमारे मन-मस्तिष्क को सदा भारतवर्ष के लिए समर्पित रहने के लिए बल देती रहेगी। भगत सिंह बहुपठित और अध्ययनशील क्रांतिकारी थे। उनकी दूरदर्शिता और तेजस्विता का ही परिणाम था कि लाखों युवा भारत को अंग्रेजों की दासता से मुक्त करवाने के लिए स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े। शहीद भगत सिंह के जीवन पर अत्यंत प्रामाणिक एवं पठनीय पुस्तक, जो उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर फाँसी के फंदे को चूमने तक के संघर्षशील और त्यागमय जीवन की झलक दिखाती है। इसे पढ़कर हर पाठक के मन में भाव उठेंगे-- 'मेरा रंग दे बसंती चोला '।

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