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Krishi Mein Mahilaon Ki Bhoomika

Bag om Krishi Mein Mahilaon Ki Bhoomika

संगीता अग्रवाल का जन्म एक व्यापारिक एवं राजनीतिक परिवार में हुआ। पिताजी श्री नानक चंद्र अग्रवाल ने अपने जीवन में लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं प्रो. मधु दंडवते के सान्निध्य में युवा जनांदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। वही विचार एवं संघर्ष करने की भावना उन्होंने अपनी पहली संतान संगीता अग्रवाल को दी। अग्रवाल परिवार स्वतंत्रता आंदोलन तथा समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ हमेशा खड़ा रहा है। यही प्रेरणा संगीता अग्रवाल को विरासत में मिली है। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत कॉलेज के दिनों में ही कर दी थी। उनकी पहली पुस्तक 'एक से बढक़र एक शिखर महिलाएँ' तथा दूसरी पुस्तक 'एक से बढक़र एक शिखर पुरुष' प्रकाशित हो चुकी हैं। 'मीडिया में महिलाओं की भूमिका' पुस्तक को 2021 में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने सराहा। वह 2005 से डी.डी. न्यूज में हिंदी समाचार संपादक के रूप में कार्यरत हैं।

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  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789355620460
  • Indbinding:
  • Hardback
  • Sideantal:
  • 106
  • Udgivet:
  • 2. februar 2022
  • Størrelse:
  • 140x10x216 mm.
  • Vægt:
  • 286 g.
  • 2-3 uger.
  • 22. januar 2025
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Beskrivelse af Krishi Mein Mahilaon Ki Bhoomika

संगीता अग्रवाल का जन्म एक व्यापारिक एवं राजनीतिक परिवार में हुआ। पिताजी श्री नानक चंद्र अग्रवाल ने अपने जीवन में लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं प्रो. मधु दंडवते के सान्निध्य में युवा जनांदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। वही विचार एवं संघर्ष करने की भावना उन्होंने अपनी पहली संतान संगीता अग्रवाल को दी। अग्रवाल परिवार स्वतंत्रता आंदोलन तथा समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ हमेशा खड़ा रहा है। यही प्रेरणा संगीता अग्रवाल को विरासत में मिली है। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत कॉलेज के दिनों में ही कर दी थी। उनकी पहली पुस्तक 'एक से बढक़र एक शिखर महिलाएँ' तथा दूसरी पुस्तक 'एक से बढक़र एक शिखर पुरुष' प्रकाशित हो चुकी हैं। 'मीडिया में महिलाओं की भूमिका' पुस्तक को 2021 में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने सराहा। वह 2005 से डी.डी. न्यूज में हिंदी समाचार संपादक के रूप में कार्यरत हैं।

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