De Aller-Bedste Bøger - over 12 mio. danske og engelske bøger
Levering: 1 - 2 hverdage

Chandrakanta Santati Part 5

Bag om Chandrakanta Santati Part 5

पठनीयता किसी भी उपन्यास की सबसे बड़ी ताकत होती है। यहाँ पठनीयता से तात्पर्य पाठक का किसी रचना के साथ आरम्भ से लेकर अंत तक गहरा सम्बन्ध स्थापित हो जाने से है। चन्द्रकान्ता संतति एक ऐसा ही उपन्यास है। हिंदी साहित्य के इतिहास में देवकीनंदन खत्री कृत 'चंद्रकांता संतति' एक ऐसा उपन्यास रहा है जिसने साहित्य के पाठकों के बीच में तहलका मचा दिया था। एक ऐय्यारी उपन्यास के रूप में प्रसिद्ध यह उपन्यास घटना प्रधान, तिलिस्म, जादूगरी, रहस्यलोक तथा ऐय्यारी की पृष्ठभूमि पर संजोया गया है। इस उपन्यास की खास बात यह भी है कि जब यह उपन्यास प्रकाशित होकर पाठकों के हाथों में आया तब लोगों के बीच इसे पढ़ने की इच्छा बहुत बढ़ गयी। इसकी प्रसिद्धि का स्तर कुछ यूं रहा कि गैर हिंदी भाषी लोग भी इसे पढ़ने के लिए हिंदी सीखने लगे।

Vis mere
  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789394780125
  • Indbinding:
  • Hardback
  • Sideantal:
  • 282
  • Udgivet:
  • 13. marts 2023
  • Størrelse:
  • 140x19x216 mm.
  • Vægt:
  • 503 g.
  • 2-3 uger.
  • 22. januar 2025
På lager
Forlænget returret til d. 31. januar 2025
  •  

    Kan ikke leveres inden jul.
    Køb nu og print et gavebevis

Normalpris

Abonnementspris

- Rabat på køb af fysiske bøger
- 1 valgfrit digitalt ugeblad
- 20 timers lytning og læsning
- Adgang til 70.000+ titler
- Ingen binding

Abonnementet koster 75 kr./md.
Ingen binding og kan opsiges når som helst.

Beskrivelse af Chandrakanta Santati Part 5

पठनीयता किसी भी उपन्यास की सबसे बड़ी ताकत होती है। यहाँ पठनीयता से तात्पर्य पाठक का किसी रचना के साथ आरम्भ से लेकर अंत तक गहरा सम्बन्ध स्थापित हो जाने से है। चन्द्रकान्ता संतति एक ऐसा ही उपन्यास है। हिंदी साहित्य के इतिहास में देवकीनंदन खत्री कृत 'चंद्रकांता संतति' एक ऐसा उपन्यास रहा है जिसने साहित्य के पाठकों के बीच में तहलका मचा दिया था। एक ऐय्यारी उपन्यास के रूप में प्रसिद्ध यह उपन्यास घटना प्रधान, तिलिस्म, जादूगरी, रहस्यलोक तथा ऐय्यारी की पृष्ठभूमि पर संजोया गया है। इस उपन्यास की खास बात यह भी है कि जब यह उपन्यास प्रकाशित होकर पाठकों के हाथों में आया तब लोगों के बीच इसे पढ़ने की इच्छा बहुत बढ़ गयी। इसकी प्रसिद्धि का स्तर कुछ यूं रहा कि गैर हिंदी भाषी लोग भी इसे पढ़ने के लिए हिंदी सीखने लगे।

Brugerbedømmelser af Chandrakanta Santati Part 5