Artharth
- Indbinding:
- Hardback
- Sideantal:
- 298
- Udgivet:
- 7. juli 2022
- Størrelse:
- 140x21x216 mm.
- Vægt:
- 526 g.
- 8-11 hverdage.
- 6. marts 2025
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Beskrivelse af Artharth
अकथ कहानी ग्रोथ की 1. ग्रोथ की सोन चिडि़या 17 2. ये ग्रोथ किसने मारी? 21 3. इक्यानबे का प्रेत 25 4. संकटों का पावर हाउस 28 5. रुपए के मुजरिम 32 6. दोहरी मंदी की दस्तक 36 7. इंक्लूसिव बोझ 40 8. जीत की हार 44 9. सुधारों की समाधि 47 10. जमीन से जुड़े सवाल 51 कहु सखि साजन नहिं महँगाई 11. सरकार वही, जो दर्द घटाए 57 12. कुरबानी का मौसम 61 13. तख्ता-पलट महँगाई 65 14. हमने कमाई महँगाई? 70 15. भरपूर भंडारों से निकली भूख 74 16. बोया पेड़ बबूल का 78 17. पड़ गई न आदत 82 यहु ठग ठगत सकल जग डोलै 18. अमावस की लक्ष्मी 89 19. कालिख का फंदा 94 20. हसन अली की जन्नत 98 21. भ्रष्टाचार का मुक्त बाजार 102 22. लूट के सरपरस्त 106 23. समृद्धि का अभिशाप 109 24. देनहार कोई और है 114 साँच कहो तो मारन धावै 25. बड़ी जिद्दी लड़ाई 121 26. घोटालों की रोशनी 126 27. पारदर्शिता का खौफ 130 28. परदा जो उठ गया 134 29. जागते रहो 138 30. झूठ के पाँव 142 संतो, देखत जग बौराना 31. यूरोप करे दुनिया भरे 149 32. विश्व संकट का ग्रीक थिएटर 153 33. घट-घट में घाटा 157 34. यूरोप की महासेल 161 35. पछतावे की परियोजनाएँ 165 36. शायलॉकों से सौदेबाजी 170 37. महात्रासदी का ग्रीक कोरस 174 38. डूबे तो उबरेंगे 178 39. इतिहास से किसने सीखा 182 40. ये जो अमेरिका है 186 41. महाबली का महामर्ज 190 42. मुद्रास्फीति की महादशा 194 43. मुक्त बाजार का मर्सिया 197 44. यूरोप का खौफ खाता 201 45. हमको भी ले डूबे 204 46. इंस्पेक्टर राज इंटरनेशनल 208 47. ऊँटों के सिर पर पहाड़ 212 48. संकट मेड इन चाइना 216 49. डॉलर राज से बगावत 220 बुरा न मानो बजट है 50. बजट नहीं संकट 227 51. बजट का जनादेश 231 52. सरकार गारंटी योजना 235 53. सूझ कोषीय घाटा 238 54. गफलत का टैक्स 242 मैं कहता तू जागत रहियो 55. सियासत चुनेंगे या सरकार 249 56. नीतीश होने की मजबूरी 252 57. जादू के बाद 256 58. सियासत के सलीब 260 59. सरकारें हैं कि मानतीं नहीं 264 इस घट अंतर सात समंदर 60. आँकड़ों का अधिकार 271 61. सोने का क्या होना है? 275 62. ग्रोथ पर हमला 279 63. आतंक का अकाउंट 283 64. गरीबी बनाम गरमी 287 मन मस्त हुआ अब 65. आन
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