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रीबिल्ड

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यह पुस्तक लगभग उन सारी समस्याओं पर विचार करती है जिनका आज के स्टेशनर्स सामना कर रहे हैं और साथ ही इन समस्याओं के समाधान भी प्रदान करती है। चाहे आपको बड़ी संख्या में वस्तुओं या चीजों को संभालना हो, या फिर व्यवस्याय सम्बन्धी लगभग सभी कार्य ( खरीद/बिक्री/संचालन ) हों, या फिर आपको जनशक्ति को ठीक से प्रशिक्षित करना मुश्किल लग रहा हो, या जगह कम होने के कारण आपको प्रोडक्ट्स को दिखाने ( Display ) में संघर्ष करना पड़ रहा हो, यह किताब आपके लिए है। इसके अलावा, यह पुस्तक उन सभी के लिए भी है जिन्हे अपने माल ( Inventory )को सँभालने में दिक्कत आ रही हो, माल/बिक्री का अनुपात भी बहुत अधिक चल रहा हो जिससे व्यवसाय को चलाने के लिए अधिक 'कैपिटल' की जरूरत पड़ रही हो और जिनका शुद्ध लाभ कठोर प्रतिस्पर्धा की वजह से प्राय निचले स्तर पर आ रहा हो। अरुण अरोरा भारत की अग्रणी फाइल निर्माण कंपनी- World Oneके मैनेजिंग डायरेक्टर व CEO हैं। स्टेशनरी उद्योग के साथ उनकी यात्रा लगभग 3 दशक पहले शुरू हुई। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे अपने अंकल के दिल्ली-चावड़ी बाजार स्थित स्टेशनरी केंद्र में फाइल निर्माण के व्यवसाय में शामिल हो गए। वे इतनी सारी ' स्टेशनरी आइटम्स ' की विविधता और नए व सार्थक प्रोडक्ट्स बनाने की संभावना को देखकर मोहित हो गए थे। लेखक ने दुनिया भर के कई बड़े खुदरा विक्रेताओं व स्टेशनरी निर्माताओं के साथ काम किया है, जिनमें दुनिया के सबसे बड़े, खुदरा विक्रेता ' वालमार्ट ' भी शामिल हैं। वर्ष २०१३ में उन्हें वालमार्ट द्वारा ' ऑफिस सप्लाई ' की श्रेणी में ' बेस्ट पार्टनर अवार्ड ' भी प्रदान किया गया। आज वे अपने जीवन की हर सांस के साथ स्टेशनरी को जी रहे हैं और उनके रोम रोम में इस क्षेत्र में कुछ नया करने की धुन सवार है।

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  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789355543790
  • Indbinding:
  • Paperback
  • Sideantal:
  • 44
  • Udgivet:
  • 5. marts 2023
  • Størrelse:
  • 140x2x216 mm.
  • Vægt:
  • 64 g.
  • 2-3 uger.
  • 10. december 2024
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Beskrivelse af रीबिल्ड

यह पुस्तक लगभग उन सारी समस्याओं पर विचार करती है जिनका आज के स्टेशनर्स सामना कर रहे हैं और साथ ही इन समस्याओं के समाधान भी प्रदान करती है। चाहे आपको बड़ी संख्या में वस्तुओं या चीजों को संभालना हो, या फिर व्यवस्याय सम्बन्धी लगभग सभी कार्य ( खरीद/बिक्री/संचालन ) हों, या फिर आपको जनशक्ति को ठीक से प्रशिक्षित करना मुश्किल लग रहा हो, या जगह कम होने के कारण आपको प्रोडक्ट्स को दिखाने ( Display ) में संघर्ष करना पड़ रहा हो, यह किताब आपके लिए है। इसके अलावा, यह पुस्तक उन सभी के लिए भी है जिन्हे अपने माल ( Inventory )को सँभालने में दिक्कत आ रही हो, माल/बिक्री का अनुपात भी बहुत अधिक चल रहा हो जिससे व्यवसाय को चलाने के लिए अधिक 'कैपिटल' की जरूरत पड़ रही हो और जिनका शुद्ध लाभ कठोर प्रतिस्पर्धा की वजह से प्राय निचले स्तर पर आ रहा हो। अरुण अरोरा भारत की अग्रणी फाइल निर्माण कंपनी- World Oneके मैनेजिंग डायरेक्टर व CEO हैं। स्टेशनरी उद्योग के साथ उनकी यात्रा लगभग 3 दशक पहले शुरू हुई। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे अपने अंकल के दिल्ली-चावड़ी बाजार स्थित स्टेशनरी केंद्र में फाइल निर्माण के व्यवसाय में शामिल हो गए। वे इतनी सारी ' स्टेशनरी आइटम्स ' की विविधता और नए व सार्थक प्रोडक्ट्स बनाने की संभावना को देखकर मोहित हो गए थे। लेखक ने दुनिया भर के कई बड़े खुदरा विक्रेताओं व स्टेशनरी निर्माताओं के साथ काम किया है, जिनमें दुनिया के सबसे बड़े, खुदरा विक्रेता ' वालमार्ट ' भी शामिल हैं। वर्ष २०१३ में उन्हें वालमार्ट द्वारा ' ऑफिस सप्लाई ' की श्रेणी में ' बेस्ट पार्टनर अवार्ड ' भी प्रदान किया गया। आज वे अपने जीवन की हर सांस के साथ स्टेशनरी को जी रहे हैं और उनके रोम रोम में इस क्षेत्र में कुछ नया करने की धुन सवार है।

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