De Aller-Bedste Bøger - over 12 mio. danske og engelske bøger
Levering: 1 - 2 hverdage

राजस्थान में पर्यटन स्थल

af Gupta
Bag om राजस्थान में पर्यटन स्थल

इस पुस्तक में राजस्थान में कार्यरत विभिन्न सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों का शोधपूर्ण लेखा-जोखा दिया गया है। भालों, और तलवारों से लिखा गया राजस्थान का गर्वीला इतिहास, थार के रेतीले धोरों से लेकर अरावली की तीखी चोटियों पर खड़े विशाल दुर्ग, विस्मयकारी महल, हरे-भरे उद्यान, स्वच्छ जलों को धारण करने वाले जलाशय, माण्ड और मारू की सुरीली तान, लंगों और मांगणियारों के कण्ठों से निःसृत लोकगीत, मन को लुभाने वाले कालबेलियों के लोकनृत्य, रावणहत्था जैसे अनूठे लोकवाद्य, ढोला-मारू तथा मूमल-महेन्द्र जैसी लोकगाथाएं, साफों-पगड़ियों, लूगड़ी-घाघरों वाली रंग-रंगीली पोषाकें, कैर-कुमटी-सांगरी-सोगरे और दाल-बाटी-चूरमे से सजी भोजन की थालियां, राजस्थान को विश्व के दूसरे पर्यटन गन्तव्यों से अलग और विस्मयकारी बनाती हैं। यही कारण है कि राजस्थान में प्रतिवर्ष 4.75 करोड़ पर्यटक आते हैं जो यहाँ की कुल जनसंख्या से कुछ ही कम हैं। कैसे होता है इतने विशाल प्रदेश के पर्यटक स्थलों का प्रबंधन और कैसे होता है यहां के लोक कलाकारों का संरक्षण!

Vis mere
  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9788193565759
  • Indbinding:
  • Hardback
  • Sideantal:
  • 242
  • Udgivet:
  • 4. maj 2018
  • Størrelse:
  • 152x14x229 mm.
  • Vægt:
  • 494 g.
  • 2-3 uger.
  • 19. december 2024
På lager
Forlænget returret til d. 31. januar 2025

Normalpris

Abonnementspris

- Rabat på køb af fysiske bøger
- 1 valgfrit digitalt ugeblad
- 20 timers lytning og læsning
- Adgang til 70.000+ titler
- Ingen binding

Abonnementet koster 75 kr./md.
Ingen binding og kan opsiges når som helst.

Beskrivelse af राजस्थान में पर्यटन स्थल

इस पुस्तक में राजस्थान में कार्यरत विभिन्न सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों का शोधपूर्ण लेखा-जोखा दिया गया है। भालों, और तलवारों से लिखा गया राजस्थान का गर्वीला इतिहास, थार के रेतीले धोरों से लेकर अरावली की तीखी चोटियों पर खड़े विशाल दुर्ग, विस्मयकारी महल, हरे-भरे उद्यान, स्वच्छ जलों को धारण करने वाले जलाशय, माण्ड और मारू की सुरीली तान, लंगों और मांगणियारों के कण्ठों से निःसृत लोकगीत, मन को लुभाने वाले कालबेलियों के लोकनृत्य, रावणहत्था जैसे अनूठे लोकवाद्य, ढोला-मारू तथा मूमल-महेन्द्र जैसी लोकगाथाएं, साफों-पगड़ियों, लूगड़ी-घाघरों वाली रंग-रंगीली पोषाकें, कैर-कुमटी-सांगरी-सोगरे और दाल-बाटी-चूरमे से सजी भोजन की थालियां, राजस्थान को विश्व के दूसरे पर्यटन गन्तव्यों से अलग और विस्मयकारी बनाती हैं। यही कारण है कि राजस्थान में प्रतिवर्ष 4.75 करोड़ पर्यटक आते हैं जो यहाँ की कुल जनसंख्या से कुछ ही कम हैं। कैसे होता है इतने विशाल प्रदेश के पर्यटक स्थलों का प्रबंधन और कैसे होता है यहां के लोक कलाकारों का संरक्षण!

Brugerbedømmelser af राजस्थान में पर्यटन स्थल



Find lignende bøger
Bogen राजस्थान में पर्यटन स्थल findes i følgende kategorier: