Bøger af Gangaprasad Pandeya
Filter
Sorter efterSorter
Populære
-
473,95 kr. "निराला हमारे उन कालजयी कवियों में से हैं जिनके जीवन और कृतित्व के बारे में जानने-समझने की हमारी जिज्ञासा लगातार बनी रहती है। 'महाप्राण निराला' बहुत पहले प्रकाशित हुई थी जिसमें महादेवी की प्रस्तावना है और स्वयं निराला की हस्तलिपि में उनकी एक टिप्पणी। पुस्तक में आत्मीय संस्मरण और आलोचना का मोहक और सार्थक समन्वय है। यह बरसों से अप्राप्य थी और हमें उसका पुनप्र्रकाशन करते हुए प्रसन्नता है कि उन पर पहली पुस्तकों में से एक हम फिर उपलब्ध करा पा रहे हैं। यह याद करना ज़रूरी है कि निराला को उनकी कठिन जि़न्दगी और जटिल कविता को समझने की कोशिश हिन्दी आलोचना काफी पहले से करती रही है।" -- अशोक वाजपेयी
- Bog
- 473,95 kr.