De Aller-Bedste Bøger - over 12 mio. danske og engelske bøger
Levering: 1 - 2 hverdage

Bøger af &234

Filter
Filter
Sorter efterSorter Populære
  • af &2366, &234, &2369, mfl.
    127,95 kr.

    प्राचीन काळामध्ये मनुष्याचे जीवन अतिशय कठीण होते. जीवन उपयोगी प्राचीन साहित्य मिळविण्यासाठी शेती, पशुपालन, लाकडे तोडणे, शिकार करणे यामध्ये संपूर्ण वेळ खर्ची पडत होता.

  • af &2379, &234, &2367, mfl.
    163,95 kr.

    'नूर की बूंदें' मोहसिन आफ़ताब की शायरी का मज्मूआ है। ऐसा मज्मूआ जिसमें उनकी संजीदा सोच और उनकी संवेदनशीलता का मुग्धकारी अन्दाज़ मिलता है। मोहसिन आफ़ताब की शायरी एक औद्योगिक नगर की शहरी सभ्यता में जीनेवाले एक शायर की शायरी है। बेबसी और बेचारगी, भूख और बेघरी, भीड़ और तन्हाई, वंदगी और जुर्म, नाम और गुमनामी, पत्थर से फुटपाथों और शीशे की ऊँची इमारतों से लिपटी तहजीब न सिर्फ़ शायर की सोच बल्कि उसकी ज़बान और लहज़े पर भी प्रभावी होती है। मोहसिन आफ़ताब की शायरी एक ऐसे इनसान की भावनाओं की शायरी है, जिसने वक़्त के अनगिनत रूप अपने भरपूर रंग में देखे हैं, जिसने ज़िन्दगी के सर्द-गर्म मौसमों को पूरी तरह महसूस किया है, जो नंगे पैर अंगारों पर चला है, जिसने ओस में भींगे फूलों को चूमा और हर कड़वे-मीठे जज़्बे को चखा है, जिसने नुकीले से नुकीले अहसास को छूकर देखा है और जो अपनी हर भावना और अनुभव को बयान किया है।

  • af &2366, &234, &2346, mfl.
    154,95 kr.

  • af &2381, &234, &2344, mfl.
    88,95 kr.

    आइये, सिया साही, तपन तोते, लकी लामा और कोमल कछुए के साथ एक मस्ती से भरी यात्रा पर चलें, जहाँ उनकी शिक्षिका मिस पेंगुईन उन्हें गणित की सु

  • af &2352, &234, &2350, mfl.
    144,95 kr.

    लेखिका के शब्दों में अपने लेखों द्वारा अपनी बात को लोगों तक पहुंचाया जाए ताकि वो उनके दिलों को छू जाए तो लेखन की सार्थकता है । आज के कठिन समय जब महारी ने समस्त विश्व को जकड़ा हो लिखना आसान नहीं था। लेकिन नकारात्मक स्थितियों में यदि हमारा लेखन समाज में सकारत्मकता प्रदान करे तो जरूर लिखना चाहिए। जब समाज में ऐसी हवा चल रही हो कि हर व्यक्ति किसी न किसी मुश्किल या तकलीफ से घिरा हो, और आप चाह कर भी उसकी मदद के लिए उस तक नही पहुँच पा रहे हों, ऐसे कठिन वक़्त में आपके कहे कुछ प्रेम भरे और सांत्वना भरे शब्द उसे उस दुःख से उभरने में सहायक होते हैं। एक ऐसी ही सोच से मैंने लिखना आरंभ किया था। जी हाँ, लॉकडॉन का वो अत्यंत कठिन समय जब हर कोई अपने अपने घरों तक सिमीत हो गया था उस वक़्त डिप्रेशन का माहौल था। उस वक़्त की नजाकत को समझते हुए अपने लेखों द्वारा एक सकारात्मक सोच को लोगों तक पहुंचाने की मैंने कोशिश की। अपने यूटूब चैनेल पर जब मैंने अपने लेखन को अपलोड किया तो लोगों ने उसकी प्रशंसा करनी शुरू की और बराबर मेरे पास समस्याओं को लेकर प्रश्न आने लगे। इससे मेरी हिम्मत और बनी और फिर ये एक ना रुकने वाला सिलसिला बन गया। आज मैं अपने चैनल और लेखन के जरिये लोगों में सकारात्मकता का विस्तार करने की कोशिश करती रहती हूँ।

  • af 2346, &2339, &2381, mfl.
    123,95 kr.

    प्रायः तीन सौ से भी अधिक वर्षों से 'कुण्डली' नामक छन्द रचना और आलोचना दोनों ही सन्दर्भों का केन्द्र रहा है । बिना ईश्वरीय कृपा और विलक्षण काव्य सामर्थ्य के कुण्डली सृजन सम्भव ही नहीं । हास्य प्रधान रचना 'गड़बड़झाला' एक सौ इक्यावन चुटीली कुण्डलियों का अनूठा संग्रह है । विश्व्कीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी द्वारा विरचित 'गड़बड़झाला' में हास्य/व्यंग्य के अनेक शब्दचित्र उपलब्ध हैं, जो पाठक/श्रोता के अधरों पर मुस्कान बिखेरने में सर्वसमर्थ हैं । सबसे महत्त्वपूर्ण कथ्य तो यह है कि डॉ. ओम् जोशी ने 'कुण्डली' की छान्दसी अवधारणा को पारम्परिक रूप में भी स्वीकारा है और समानान्तरतः इसे परिशोधित कर नूतन स्वरुप भी प्रदान किया है । डॉ जोशी का समग्र कुण्डली संसार ऐसा ही आश्चर्यबोधक है ।